अब तक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में होता रहा है। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जो 2016 में अस्तित्व में आया था। कर्मचारी यूनियनों द्वारा अब 8वें वेतन आयोग की मांग की जा रही है, और इसके गठन के संकेत अगले साल तक मिलने की संभावना है। अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो कर्मचारियों के वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि की उम्मीद है।
8वें वेतन आयोग का गठन:
प्रत्येक वेतन आयोग का गठन 10 साल के अंतराल पर होता है। 6वां वेतन आयोग 2006 में, और 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था। सरकारी कर्मचारी चाहते हैं कि 8वां वेतन आयोग 2025 में बने ताकि इसे 2026 की शुरुआत से लागू किया जा सके। यह मांग अभी से इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि आयोग के गठन करने और उसकी सिफारिशों को तैयार करने एवं लागू करने में समय लगता है।
वेतन में कितनी वृद्धि की संभावना है?
7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों के वेतन में 23% तक वृद्धि की गई थी। हालांकि, संभावना यह भी है कि 8वें वेतन आयोग में यह वृद्धि और अधिक हो सकती है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान में न्यूनतम वेतन ₹18,000 है, जो 8वें आयोग में ₹34,500 तक हो सकता है।
महंगाई भत्ते में वृद्धि का नया फॉर्मूला
7वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ते (डीए) की वृद्धि के लिए एक विशेष फॉर्मूला लागू किया गया था। 8वें वेतन आयोग में इस फॉर्मूला में बदलाव की संभावना है। भारत की मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए यह जरूरी है कि डीए में वृद्धि का नया फॉर्मूला तैयार किया जाए जो खाद्य महंगाई दर को अलग रखे।
वेतन आयोग पर कर्मचारी यूनियनों की मांगें
कई केंद्रीय कर्मचारी संघों ने हाल ही में इस मांग को लेकर कैबिनेट सचिव से मुलाकात की है। एक वरिष्ठ सदस्य के अनुसार, सचिव ने 2026 की शुरुआत तक वेतन आयोग की आवश्यकता को नकारा नहीं है, बल्कि उन्होंने कहा है कि इसकी तैयारी में अभी समय है। फिर भी, संभावना जताई जा रही है कि अगले साल 8वें वेतन आयोग का गठन हो सकता है।
आयोग से क्या अपेक्षाएं हैं?
8वें वेतन आयोग के तहत, न केवल वेतन वृद्धि बल्कि अन्य भत्तों जैसे कि यात्रा भत्ता, मेडिकल भत्ता आदि में भी बदलाव की उम्मीद है। यह आयोग जीवन यापन की बढ़ती लागत और महंगाई को ध्यान में रखते हुए नई सिफारिशें तैयार करेगा।